बाते कुछ आउर बा - दिलीप कुमार पाण्डेय

बाते कुछ आउर बा...

मेहर का पगार के
चईत का जाड़ के
घोड़ा का लतार के,
बाते कुछ आउर बा।

नाच में लबार के,
ढ़ारे में धार के।
माह में कुआर के,
बाते कुछ आउर बा।

नाता में सार के,
खिंचरी में कसार के।
गद्दी में पुआर के,
बाते कुछ आउर बा।
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लेखक परिचय:-
बेवसाय: विज्ञान शिक्षक
पता: सैखोवाघाट, तिनसुकिया, असम
मूल निवासी -अगौथर, मढौडा ,सारण।
मो नं: 9707096238

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