मोंछ - देवेन्द्र आर्य
मोछिया केतनो बाढ़ी नकिया के निचवे रही। ई हैं के ई हउएं हाकिम इहवां के बड़का ई हैं के इे सेठ-साहूकार हउएं मोटका ई हैं के ई ...
मोछिया केतनो बाढ़ी नकिया के निचवे रही। ई हैं के ई हउएं हाकिम इहवां के बड़का ई हैं के इे सेठ-साहूकार हउएं मोटका ई हैं के ई ...
सुरुज के डुबले किरिनिया के सुतले, भउजी न छोडि़हा दुआर हो खेते-खलिहाने तू अकेले जिनि जइहा ढुकल होइहें हुड़ार हो दाग लगि ज...
मोरे सइयाँ गये हैं बजार चक्कू लावै को। चक्कू ले अइहैं तो तुमका बतइहें मोरे सइयाँ खोजे उधार चक्कू लावे को। चक्कू रखे से रोब ...
मोंछ मोछिया केतनो बाढ़ी नकिया के निचवे रही। ई हैं के ई हउएं हाकिम इहवां के बड़का ई हैं के इे सेठ-साहूकार हउएं मोटका ई हैं ...
पिंहके परनवा आइ गइल चइत महिनवा हो रामा पिंहके परनवा। चिठिया लिखवलीं , सनेसवा पढवलीं आधी आधी रतिया ले रहिया रखवलीं नाहीं अ...
दलित विचार का बारे में राजनीतिक सोच जतने व्यावहारिक, साफ आ मकसद वाला लउकेला, साहित्यिक सोच ओतने अझुराह, भकुआइल, ठहरल आ भेड़चाल वाला बा. अ...
फूका अइसन सोहरावत बा कब फूटी इहे मनावत बा। उल्टा छूरी कइलस हलाल अब बड़ा मीठ बतियावत बा। कहो नेतवा कविआइल का पनिये में आगि लगावत ...