
ऊ हीत ना भइल - गायत्री सहाय
लिखली बहुत हम गीत उ गीत ना भइल गवलन हजारों लोग संगीत ना भइल। चाहत रहे जे प्यार के उ, प्यार ना मिलल खोजनी जवन बहार उ वहार ना मिलल। मिलल जवन उ...
लिखली बहुत हम गीत उ गीत ना भइल गवलन हजारों लोग संगीत ना भइल। चाहत रहे जे प्यार के उ, प्यार ना मिलल खोजनी जवन बहार उ वहार ना मिलल। मिलल जवन उ...
निर्जन बर-बथान अउर घोंठा, ना त अखाड़ा ना लंगोटा। ताकत बा ब्रह्म जी के ओटा, कहाँ केहू तउला चढ़ावे? बदलल गँउआ अब ना भावे॥ पांत के पत्तल मिले न...
घूमत रहलें गल्ली-गल्ली देखत कहवाँ ऊंच-खाल बा। पूछलें रामचरितर उनुसे का हो मुखिया! का हाल बा। कवन नवकी घोषना भइल कतना फंड बा आइल रउरा घरे मुख...
जाए के, आई कब खबरिया केहू ! जाने ना। रसे-रसे बीते ले उमिरिया, केहू। जाने ना। धनवा के चाहे केहू, गहनवा के चाहे केहू, छिनि जाई अँगुरी कऽ मुनरि...
आसवाँन तानल समियाना लागल झालर बदरा के कतहूँ करिया कतहूँ उज्जर टाँगल-टूँगल सरिया के। भोर के झूमर डगरा जइसन ललकी कीरिन छितरा के माथ पर आके चमक...
जहिया से अंखियन के दुनो बौल हो गइल फ्यूज। रास्ता चलत जपत चलीला प्लीज प्लीज एक्सक्यूज॥ प्लीज प्लीज एक्सक्यूज करत बस में चढ़नी अकुता के। तब ले...
कहऽ, कइसे के खुसिया मनाईं मितवा। कइसे खुसिया मनाईं मन के का हो समुझाईं घर में बाटे नाहीं दाना नाहीं मिले के ठेकाना का हो बेकतिन के अपना खिया...
झुरू झुरू पछुवा कड़ेर पुरवइया में, बाड़ा नीक लागेला टुटलकी मड़इया में। गोल गाल गुलवरी के लगे कोलूहाड़ी छवरी के ओर पार लउके उखियाड़ी, होखेला ...
काहें अइसन होला बाबा देखीं तनी पतराऽ काहें अइसन होला बाबा देखीं तनी पतराऽ। धोबिया से लोटा-थारी केहू ना छुआवे, कहिके अछोप सजी लोग निहिसावे। ब...
बहुत दिन बाद जब गइया से भेंट भउवे काल्ह दूहे के बेरा इयाद से झूरी झरि साफ लउके लगुए सभ! हाल चाल पूछतीं ओकर अउरी सुनइतीं कुछ बात आपन कि गोड़ छ...
अरे रामा झर झर बरसेला पनिया भिजेली मोर धनिया ए रामा। घनघोर घटा नभ छावे बदरिया चम चम चम चम चमके बिजुरिया आरे रामा नाचेला मोरवा मोरिनिया भिजेल...
बाते कुछ आउर बा... मेहर का पगार के चईत का जाड़ के घोड़ा का लतार के, बाते कुछ आउर बा। नाच में लबार के, ढ़ारे में धार के। माह में कुआर के, बात...
माई सिलबट्टा पर मरिचा, नून आ लहसुन के चटनी पिसत समुझवली- बाबू हो! अलग-अलग बा ए तीनू के स्वाद, आपन रूप, आपन रंग, आपन गुन, आपन बुनियाद। खाली म...
(1) जब प्रेम के इजहार चले लागल तब नेह के सनसार चले लागल आदत जरे ओला के ढह गइल नदी में नाव के सवार चले लागल। ----------------- (2) एह बसंत के...
मुश्किल बा मन के समझावल आगे-पीछे दउड़ल-धावल आ/मुश्किल बा रुकल-थथमल चलत राह में अचके पंजरल। राह चलत जाईं अकेला मिले पत्थर भा/मिले ढेला जन करी...
आपै आपको जानते, आपै का सब खेल। पलटू सतगुरु के बिना, ब्रह्म से होय न मेल॥1॥ पलटू सुभ दिन सुभ घड़ी, याद पड़ै जब नाम। लगन महूरत झूठ सब, और बिगाड़ै...
जिनगी के दुपहरिया खोजे जब-जब शीतल छाँव रे पास बोलावे गाँव रे आपन, पास बोलावे गाँव रे। गाँव के माटी, माई जइसन खींचे अपना ओरिया हर रस्ता, चौरा...
दुख के चादर ओढ़ले मनई के आँगन इंतजार रहे सुख के एगो छोट टुकड़ा के काहे राह भुला गइल सुख के चान। अमावस्या त घरे बइठल रहे इंतजार रहे पूनिया के...
हमरा खातिर उज्जर दिनआ अँजोरिया रात का बा? हवा के झकोरा से उधियाइल माँटी में लसराइल ओही में समाइल माँटी में मिलि के माँटी बनि गइल माँटी खातिर...
केतना दिन अउरी चलत रही चकरी। कूटि-पीसि खा गइनीं जिनिगी के सगरी। जोरत-अगोरत में थाती हेराइल तनमन के गरमी सब देखते सेराइल धार में चिन्हाइल ना,...