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पतई - सुभाष पाण्डेय
चकरी - राधा मोहन चौबे 'अंजन'
बिहँसल पलानी - गुरुविन्दर सिंह
बेचैन मन - गोपाल अश्क
बात बनउवल - जयशंकर प्रसाद द्विवेदी
बढ़ल महंगाई - गणेश नाथ तिवारी 'विनायक'
तिन तिन चले छिपाय - पलटूदास
पंछी दूर ठिकाना बा - रमाकान्त मुकुल
बाकिर कइल बहुत जरूरी - राजीव उपाध्याय
कहात नइखे - अविनाश चन्द्र विद्यार्थी
साँवरी सुरतिया नाके नथिया - रामप्रसाद साह
के कहत बा इहाँ लोकतंत्र नइखे - अभय कृष्ण त्रिपाठी "विष्णु"
अबे कुछ साँस बाकी बा - सुभाष पाण्डेय
भारी भरम बा - देवेन्द्र कुमार राय
अखबार - सुहानी राय
असहिं का वृद्ध लो के होई दुरगतिया - आकाश महेशपुरी
विद्या शंकर विद्यार्थी जी के तीन गो कविता
हम बुरबक बानी - उदयशंकर
ओरहन - सुरेश कांटक
कनक किशोर जी के तीन गो नवगीत

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