
रामचरितमानस का कसवटी पर लव-कुश कांड के प्रामाणिकता - डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल
हमरा बचपन में दूइ गो ज्वाला प्रसाद जी के टीका वाला रामचरितमानस पढ़े के मिलल बा, जवना में लव-कुश कांड त रहबे कइल, छेपको कहानी बहुत पढ़े के मि...
हमरा बचपन में दूइ गो ज्वाला प्रसाद जी के टीका वाला रामचरितमानस पढ़े के मिलल बा, जवना में लव-कुश कांड त रहबे कइल, छेपको कहानी बहुत पढ़े के मि...
२२ जनवरी इतिहास में हमेशा बदे दर्ज हो गइल बिया। प्रभु श्री राम, सबके राम, सबमें राम जइसन दृश्य अब हर जगह नजर आ रहल ह्ऽ। सगरी विश्व राममय हो ...
का जमाना आ गयो भाया, साँच के साँच कहे भा माने में नटई से ना त बोलS फूटता, आ ना त बुद्धिये संग-साथ देत देखात बा। ऐरा-गैरा,नथ्थू-खैरा सभे गिया...
"जय रामजी के भाई," सामने से आवत बुधन के देख के लोटन प्रनाम कइलें आ पूछलें, "का हाल बा ?" "राम राम भाई। सब रामजी के ...
दिन बहुराइल बा अब जाके सदियन के ऊँघी टूटल बा चमक उठल बा मन मरुआइल मनसायन जे घड़ी बनल बा । सूरुज के ना आवल लउके बेरा डूबल कहाँ बुझाओ आन्ही-पान...
मोरे हित हरि सम नहि कोऊ। एहि अवसर सहाय सोई होऊ।। आज पूरा देश राम नाम से गुंजयमान बा। चारो तरफ राम नाम के झंडा लहरत बा। देखला से साफ बुझात बा...
रामजी आउर केहू ना हमरा गाँव में के एगो आदमी के नाम ह। आ ई रामजी केहू के जरताह आंँखीं से कबो ना ताकस। खेतिहर आदमी हवन।बधार के चारों सिवान में...
अवधपुरी अईलन अवधऽ बिहारी हो, बलिहारी जाईं ना। चलऽ आरती उतारीं हो, बलिहारी जाईं ना।। माई कोसिला जी के हियरा जुड़ाईल, भरतऽ भुआली जी के मनसा पू...
राम-राम भाई-बहिन सभे! रामजी अब टेन्ट से घरे लवटि अइनीं आ प्रान-प्रतिष्ठा का बाद जन-जन में बेयापे लागल बानीं। राममड़इया गह-गह करे लागल बा। जे...
गजल मुहब्बत के गवाह रहल बा काहे कि गजल के जन्म मुहब्बते के कोंख से हऽ। एही से फारसी में एकरा के 'वाजनान गुफ्तगू' कहल जाला। बाकिर गजल...
ज्ञान गुन रीति लूर आ जाई। प्यार होते सहूर आ जाई। डीठि लागल रही निसाना पर कुछ ना कुछ तऽ जरूर आ जाई। जाम साकी शराब मौसम बा घूँट मारीं सुरूर आ...
जब हम लइकई मे चउथी-पाँचवी मे पढ़त रहनी, ओह घरी रेडियो पर संझा के बेरा खेती-किसानी पर एगो प्रोग्राम आवत रहे, जवना के शुरू होते ई सुने के मिले ...
पवना बेनियाँ डोलावे, बदरा रस बरसावै गावै झूम झूम मनवाँ सिवनवाँ में नाचै निरखि-निरखि दरपरनवों में। भिनसहरे जैतसार गीत के बोल करेज करोवै जइसे ...
बहुत काम बा अइसन जेवर लागे ना जरूरी देखला पऽ दूर से कब्बो बाकिर कइल बहुत जरूरी; जइसे झारलऽ पुरान कपड़ा जाड़ा में भा पपनी पर चढ़ल धूर! जेवर च...
सँझवत अक्टूबर-दिसम्बर 2020 वर्ष - 2 अंक-7 संपादकीय 1. बदल रहल बा भोजपुरी का प्रति नजरिया - रामरक्षा मिश्र विमल लेख/संस्मरण 2. रघुबीर नारायण ...
आज अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस हऽ। माने अबले के चलन के हिसाब से एगो इवेंट। सालगिरह टाइप के! जदि एकरा के इवेंट के हिसाब से देखल जाओ तऽ बधाई ...
बेफिकिर नदिया नहाइल ना भुलाइल आजु ले। धूरि में देहिया सनाइल ना भुलाइल आजु ले। जेठ के तपती दुपहरी आम की बगिया में जा तुरि टिकोरा नून खाइल ना ...