
ससुरबा जइबों हो - दरिया साहेब
मोहि न भावै नैहरवा ससुरबा जइबों हो॥ नैहर के लोगवा बड़ अरिआर। पिया के बचन सुनि लागेला बिकार॥ पिया एक डोलिया दिहल भेजाय। पाँच...
मोहि न भावै नैहरवा ससुरबा जइबों हो॥ नैहर के लोगवा बड़ अरिआर। पिया के बचन सुनि लागेला बिकार॥ पिया एक डोलिया दिहल भेजाय। पाँच...
ई बांस के बंसवार हऽ जेवन सुखे-दुखे कामे आवेला। ई बांस के बंसवार हऽ॥ मजल छवाला माड़ो बन्हाला झंडा मंदिर के लहराला। ई बांस क...
गुर कीजै गरिला निगुरा न रहिला। गुर बिन ग्यांन न पायला रे भईया॥टेक॥ दूधैं धोया कोइला उजला न होइला। कागा कंठै पहुप माल हँसला न भ...
गड़हा के पानी नाद में भरि आइल बा मोथा, भर खेत अंखुआइल बा दूबि कोठा पर चढि आइल बा सीढी टूटि छितराइल बा के ओरिची ओरचन अब कि बाध ...
पोरे-पोरे सभ इहंवे समाई अँखिया के बिजूरी, मन के रोवाई॥ कईल धईल सभ कुछु जाई ओराई गुनलऽ गँवावल साथ निभाई॥ छन-छन बदलेला बदरी के बोल हो बोलिया...
काहे खाती कइले बाड़ऽ अइसन सवारी तोहरे के जोतले बावे देता तोहरे के गारी॥ करेला नीमन-नीमन कई गुन बतिया जातो कहीं नइखे अउरी छूटल महतारी॥ तर उप...
हमरे अंचरवा पs जिनगी के दाग बा छोड़sवले नाही छूटत यार बलम जी॥ जवने रंगवा के पगsरिया रंगवलs ओही रंगे रंगब संसार बलम जी। हमरे अंचरवा पs ........
देखि सखी का चाहीं तोहके सूनर सूनर रुप तोहार कि सगरी खरिहान्ह॥ नैन जे तोहर राह तिकवत बा रहिया से ओ केहू लवते नाही दूर केवनो देस जइहें...
मन काँहे पछताला बहुते काँहे ओढ़ेला दूसाला। रहिया-रहिया खोजे एगो सूरत सुघर निराला॥ घूमे ओरीयानी, खेते, बन जपे जाला सिवाला। गीने सभकर बतिया प...
बूझो पंडित ब्रह्म गियानम, गोरष बोलै जाण सुजानम। बीज बिन निसपती मूल बिन विरषा पान फूल बिन फलिया, बाँझ केरा बालूड़ा प्यंगुला तरवरि चढ़ि...
अबरी के बार बकस मोरे साहेब। जनम-जनम कै चेरि हे॥ चरन कमल मैं हृदय लगाइब। कपट कागज सब फाड़ि हे॥ मैं अबला किछुओ नहीं जानौं। परपंचन के स...
बरिसेला आसारह जब भूईं सीझल सोन्हा जाले टह-टह घाम पएना के पठा जाले। कि जुआठ लादऽ नथिया कसऽ बैलन के पीटवा लऽ फार पूरूआ के मन बहके। गोंइया जे...
फेर काँहे सुनेनी हम तोहार बतिया उठि सूती पूछे मन, एगो हमसे बतिया काहे खाती दिन बावे, काँहे खाती रतिया ॥ रोज भिंसहरे काँहे, किरि...
आगि लागे बनवा, जरे परबतवा मोरे लेखे हो साजन जरे नइहरवा। आवऽ आवऽ बभना, बइठु मोरा अँगना साचि देहु ना मोरे गुरु के आवनवा। जिन...
धोती अउरी अँगौछी ले के घाट-घाट का खोजऽ तारऽ? पियरी का सगरी लाल हो जाई जेकरा के जे तू खोजऽ तारऽ? माटी हऽ ई माटी नियर रही जामी फ...
निहुरी ओढ़ावे ले चदरिया। चलती के बेरिया। जवने दिन पडल हमरे ओहरवा आई, ठाढ नियरे चारो कंहरवा घरवां में रोअत गुजरिया। चलती के बेरिया...
कबो-कबो होला अइसन कि फंसरी में जीव परेला। रहिया ओढन बासन-डासन बाति सगरी हो जाला गुमानी जइसे सरसों के फूल पे लाही जाड़...
जब आदिमी होला अकेल दुनिया लागे माटी के लोना लोग बुझाला बंजर सरेह। दुख के भाखा होला अजबे कहबो करे चुप रहबो करे अउरी देंहि सूखि ...
तिकवतऽ रहि गइनीं हम ओहि डहरिया जेसे गइलें सभ केहू; अउरी निकललऽ परान॥ तिकवतऽ रहि गइनीं हम ओहि डहरिया ॥ नेहवा लगवनी गेहवा लगव...
कर बर भगती मानव तन पाके। दाल निर्हले, भात निर्हले हदर्दी लगा के चौका भीतर मुरदा निरहले खात बारे सराह के। मातपिता से करुआ बोले,...