आवो माई धरि धरि जावो
गोरष बाला भर भर षावो ।
झरै न पारा बाजे नाद
सति हर सूर न वाद विवाद ।
पवन गोटिका रहणी अकास
महियल अंतर गगन विलास ।
पयालनीं डीवीं सुनि चढाई
कथन्त गोरषनाथ मछीन्द्र बताई ।
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लेखक परिचय:-
नाम: संत गोरखनाथ
१०वी से ११वी शताब्दी क नाथ योगी
अंक - 49 (13 अक्टूबर 2015)
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