कैसे बोलों पंडिता देव कौने ठाईं
निज तत निहारतां अम्हें तुम्हें नाहीं । (टेक )
पषाणची देवली पषाणचा देव,
पषाण पूजिला कैसे फीटीला सनेह ।
सरजीव तैडिला निरजीव पूजिला,
पापची करणी कैसे दूतर तिरिला ।
तीरथि तीरथि सनान करीला,
बाहर धोये कैसे भीतरि मेदीला ।
आदिनाथ नाती म्छीन्द्र्नाथ पूता ,
निज तत निहारे गोरष अवधूता ।।
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