कुम्हरा के घर हांडी आछे अहीरा के घरि सांडी।
बह्मना के घरि रान्डी आछे रान्डी सांडी हांडी।
राजा के घर सेल आछे जंगल मंधे बेल।
तेली के घर तेल आछे तेल बेल सेल।
अहीरा के घर महकी आछे देवल मध्ये ल्यंग।
हाटी मध्ये हींग आछे हींग ल्यंग स्यंग।
एक सुन्ने नाना वणयां बहु भांति दिखलावे।
भणत गोरष त्रिगुंण माया सतगुर होइ लषावे।
----------संत गोरखनाथ
बह्मना के घरि रान्डी आछे रान्डी सांडी हांडी।
राजा के घर सेल आछे जंगल मंधे बेल।
तेली के घर तेल आछे तेल बेल सेल।
अहीरा के घर महकी आछे देवल मध्ये ल्यंग।
हाटी मध्ये हींग आछे हींग ल्यंग स्यंग।
एक सुन्ने नाना वणयां बहु भांति दिखलावे।
भणत गोरष त्रिगुंण माया सतगुर होइ लषावे।
----------संत गोरखनाथ
अंक - 42 (25 अगस्त 2015)
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