
बसंत: एगो रंगीन सतरंगी चूनर - परिचय दास
मन के अँगना में एगो रंगीन सतरंगी चूनर लहरा गइल बा। बहे लागल बा बसंती बयार, जेहमें सोनपुर के मेलवा जइसन गंध बसल बा। धरती के आँचल में सरसों के...
मन के अँगना में एगो रंगीन सतरंगी चूनर लहरा गइल बा। बहे लागल बा बसंती बयार, जेहमें सोनपुर के मेलवा जइसन गंध बसल बा। धरती के आँचल में सरसों के...
सगुण के फेरा में निर्गुण ना भेंटाइल ना रामजी मिलले,ना कृष्ण कन्हाई फेरा कवनो चीज के ठीक ना ह ई सुनले रहीं बाकिर तोतवा दाल के फेर में जाल मे...
अहमेव वात इव प्र वाम्यारभमाणा भुवनानि विश्वा। परो दिवा पर एना पृथिव्यैतावती महिना सम्बभूव।। १ (हमीं हवा का तरे बहीले बिस्व भुवन के अँकवारी ल...
डॉ सुनील कुमार पाठक भोजपुरी साहित्य के एगो सुपरिचित हस्ताक्षर हवें जे गद्य, पद के साथे भोजपुरी आलोचना के क्षेत्र में आपन बरियार उपस्थिति दर्...
गदराइल गेहूँ के खेत में, भा मसुरी-मटर के अगरात फूलवन के बीचे बा ऊँखि के जामत पुआड़ी के पोंछ पकड़ले भा अकेलहूँ अपना हरिहर देहिं पर पीअर अँचरा ल...
हमरी इयाद के मोटरी हमेशा लगवे रहेला। जब मन करेला खोल के बोल बतिया लेनी आ फेरु से गठिया के ध देनीं। घर के काम-काज की साथे साथे इहो चलल करेला।...