मीठी-मीठी बतिया में घतिया छिपल बाटै,
जतिया क पतिया क होत बा लड़ाई।
कुल्हियै इनरवा में भंगिया घोराइ गइले
मनई से मनई करैला निठुराई।
दागि-दागि पेटवा चपेटवा सहत जात
दिनवा गरीब क न भेंटले - भेंटाई।
उँचकी अटरिया के ओर सब निरखैला
निचवां न ताकैला धँसल जाले खाई।।
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लेखक परिचय:-
नाम: राम जियावन दास 'बावला'
जनम: 1 जून 1922, भीखमपुर, चकिया
चँदौली, उत्तर प्रदेश
मरन: 1 मई 2012
रचना: गीतलोक, भोजपुरी रामायण (अप्रकासित)
अंक - 58 (15 दिसम्बर 2015)
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