मोती बी.ए. के छव गो कविता

अझुरा

अझुराई
तबे नू सझुराई
अझुरइबे ना करी कुछू
त कवन चीज केहू सझुराई!
जवन चीज कबों अझुरइबे ना करी
आ हरदम सझुरइले रही
त ओकर अझुराइल-सझुराइल बराबरे ह
ओकरा खातिर-अझुरा सझुराह, सझुरा अझुरा
जेइसने अझुराइल
ओइसने सझुराइल
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केतनो दुखाव

केतनो दुखाव दुखात नइखे
चढ़ि जब आवता त जात नइखे
कहवाँ ले जाई ई बुझात नइखे
जाने पर जाई त जनात नइखे

नंगा बाटे एतना लुकात नइखे
हीत ह कि मुदई चिन्हात नइखे
एइसन अझुराइल सझुरात नइखे
सोझ टेढ़ कुछू फरियात नइखे

जो ई उपराई त तराई नाहीं
कबो जो तराई उपराई नाहीं
कवनो तरे राखीं एके रही नाहीं
पूछबो जो करी कुछू कही नाहीं।
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लोकतंत्र के गरूर

ना रहि गइल कवनो चीजु पास
ना रहि गइल कवनो बाति खास
हो गइली एकदमे बेनकाब
आर-पार एकदम परदाफास।

ना कवनो बू ना कवनो बास
पूरा पूरा परदाफास
ना कवनो चिन्ता ना कवनो लाज
चाहे आम होखे भा खास।

चाहे चना होखे चाहे घासि-पात
जेकरा मन करे आवे
जहवाँ चाहे जाउ
हमके खएफा के अलावे।

कवनो चीजु के नइखे तलब
ना तब रहे ना अब
बाति एकेगो रहि गइल बा
खाली लोकतंत्र के गरूर
मतदान के दीने
वोट डालेबि जरूर।
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कर्जखोर

मूड़ी गाड़ि के खा लेवे के बा
आँखि मूनि के पी लेवे के बा
टाँग पसारि के सूति रहे के बा
कर्जखोर!
कर्जा पर कर्जा लेत जाता
न सूदि देता
न मूढवे लवटावता
करमजरू,
जो एके लखेदि दीं त
सूदि समेत मूढ़ो मारल जाई
आ रहेदीं त
सूदि-मूढ़ के बाति के कहो
हमहीं उजरि जाइबि
हे भगवान
ए कर्जखोर से
हमार उद्धार कब होई!
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एइसन दुनिया एइसन लोग

एइसन दुनिया एइसन लोग
रामजी बनवले रहें ना।

भरल रहे राम नदिया में पानी
बनल रहे गोरी तोहरी जवानी
पानी में मछरिया हाथ में फँसरिया
रामजी बनवले रहें ना।
एइसन दुनिया...

बँसुरी बजावे पनघटवाँ सँवरिया
बहकि बहकि जाए गोरी के नजरिया
कूँआँ में गगरिया हाथ में रसरिया
रामजी बनवले रहें ना।
एइसन दुनिया...

चिरई ले आवे राम चुनि चुनि दाना
उड़ि उड़ि फुदुकि फुदुकि गावे गाना
खेतवा में दनवाँ फेड़ में खतोनवाँ
रामजी बनवले रहें ना।
एइसन दुनिया...

हँसति रहे राम दियना में बाती
पिया बिनु जियरा जरे दिन राती
गोरी के गवनवाँ पिया के भवनवाँ
रामजी बनवले रहें ना।
एइसन दुनिया...
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सुखले के मरी

के धैर्य धरी
सुखले के मरी

मउवति जे रसगर बनाई
ओही में जब जीव सउनाई
मुअले के डर ना रहि
जियला के मजा आ जाइत

चाहतानी
सउना-मउना हो जइतीं
मउवति के पाग से
जिनिगी के लाई बन्हाइत
घरघर बँटाइत

के धैर्य धरी
सुखले के मरी।
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