कर्जखोर - मोती बी.ए.

मूड़ी गाड़ि के खा लेवे के बा
आँखि मूनि के पी लेवे के बा
टाँग पसारि के सूति रहे के बा
कर्जखोर!
कर्जा पर कर्जा लेत जाता
न सूदि देता
न मूढवे लवटावता
करमजरू,
जो एके लखेदि दीं त
सूदि समेत मूढ़ो मारल जाई
आ रहेदीं त
सूदि-मूढ़ के बाति के कहो
हमहीं उजरि जाइबि

हे भगवान
ए कर्जखोर से
हमार उद्धार कब होई!
-------------मोती बी.ए.

अंक - 50 (20 अक्टूबर 2015)

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