सुघर आलोचक के सुघर कृति: पढ़त - लिखत - कनक किशोर
डॉ सुनील कुमार पाठक भोजपुरी साहित्य के एगो सुपरिचित हस्ताक्षर हवें जे गद्य, पद के साथे भोजपुरी आलोचना के क्षेत्र में आपन बरियार उपस्थिति दर्...
डॉ सुनील कुमार पाठक भोजपुरी साहित्य के एगो सुपरिचित हस्ताक्षर हवें जे गद्य, पद के साथे भोजपुरी आलोचना के क्षेत्र में आपन बरियार उपस्थिति दर्...
गजल मुहब्बत के गवाह रहल बा काहे कि गजल के जन्म मुहब्बते के कोंख से हऽ। एही से फारसी में एकरा के 'वाजनान गुफ्तगू' कहल जाला। बाकिर गजल...
डायरी लिखीं कि ना लिखीं ? लिखब त साँच लिखे के परी। बिना कवनो लाग-लपेट के, बिना कवनो अलंकार-शृंगार के लिखे के परी। मन में कुछ दिन तक उधेड़-बु...
हर रंग में रंगाइल एगो किताब के भूमिका में रवीन्द्रनाथ श्रीवास्तव ऊर्फ जुगानी भाई लिखले बाड़े कि ‘भाषा आ भोजन के सवाल एक-दोसरा से हमेशा ...
अबोध मस्ती के संसार चन्दा मामा आरे आवा... ज्ञात सभ्यता के शायद पहिलका बाल गीत (लोरी) ह। ई गीत सब से अधिक प्रसिद्ध भी ह। जवना में महतारी ...