देखते मनवा लोभी - प्रकाश उदय

हती-हती फुलवा हतना सोभे
बड़का कतना सोभी, फुलगोभी
देखते मनवा लोभी, फुलगोभी

उजर-उजर फर भर-भर झाबा
जइसे हो नेतवन के साभा
जिन्‍हनी के कुरुता पैजामा
धँगचि के धोअलस धोबी, फुलगोभी

भुँजले अहा, छेंवकले आहा
छनला पर त आहा-आहा
बाकिर तनी सम्‍हर के भाया
पिलुओ कतहूँ होखी, फुलगोभी

जे तीयन आलू के मेंजन
परवर- गोभी- बैगन- वैगन
प्रभु कभु कम करबऽ जो भेजन
तहरो जिभिया टोकी, फूलगोभी
देखते मनवा लोभी, फुलगोभी
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लेखक परिचय:-
नाम: प्रकाश उदय
जन्म : 20 अगस्त 1964, बनारस (उत्तर प्रदेश)
भाषा : हिंदी, भोजपुरीविधाएँ : कविता, आलोचना
संपर्क:- श्री बलदेव पी.जी. कॉलेज, बड़ागाँव,
वाराणसी-221204 (उत्तर प्रदेश)
फोन: 094152 90286
ई-मेल udayprakash1964@gmail.com

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