जय-जय भारत देश - अनिरूद्ध

जय भारत के भुँइया जय हे,
जय-जय भारत मइया जय हे।

जय-जय भारत देश पेआरा
जय-जय भारत देश,
तीन ओर सागर घिरे घहरे, चुन्दरी नील किनारी लहरे,
मलय बयार प्रान-मन महके, गिरि भुँइ वन परदेश।
पेआरा जय-जय भारत देश।

नीलम जड़े छत्र नभ मंडल, कटि शोभे करधनी विंधाचल,द
कनक तार हिम जड़े किरन मनि, चाँदी मुकुट नगेस।
पेआरा जय-जय भारत देश।

चरन पखारत रँग सिन्धु जल, लहर-लहर झनके पग पायल,
पूरब-पच्छिम चम-चम चमके, पफहर-पफहर हिम केस,द
पेआरा जय-जय भारत देश।

बन खेती के धनी अँचरा, उर नदियन के लहरे गजरा
झरना हिया झरे दुध्वा, छवि निरखत मिटे कलेस,
पेआरा जय-जय भारत देश।

प्रान निछावर बा तन-मन-धन, देश महान दिया जग दरपन,
जग सुन्दरी नग जड़ल देश बा, नमन कोटि हरमेस,द
पेआरा जय-जय भारत देश।

जनम जहाँ भगवान गेआनी, जनमे भट नामी बलिदानी,
झुके शीश ना रूके चरन पथ, कहे पवन सन्देस,
पेआरा जय-जय भारत देश।

फसल-फूल मुसुकान मनोहर, कन-कन कनक रतन मनि मोहर,
जनम सफल अइसन भुँइया पर, दरपन भारत भेस,
पेआरा जय-जय भारत देश।

श्याम बरन माअी मुसुकाए, कर चन्न जिनगी तर जाए
सूरज के टीका लिलार पर, चमके केस, विदेश
पेआरा जय-जय भारत देश।
नेआरा जय-जय भारत देश।
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