मन तू काहे ना करे रजपूती।
असहीं काल घेरि मारत ह
जस पिजरा के तूती।
पाँच पचीस तीनों दल ठाड़े
इन संग सैन बहुती।
रंगमहल पर अनहद बाजे
काहें गइलऽ तू सूती।
शिवनारायन चढ़ मैदाने
मोह भरम गइल छूटी।
असहीं काल घेरि मारत ह
जस पिजरा के तूती।
पाँच पचीस तीनों दल ठाड़े
इन संग सैन बहुती।
रंगमहल पर अनहद बाजे
काहें गइलऽ तू सूती।
शिवनारायन चढ़ मैदाने
मोह भरम गइल छूटी।
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लेखक परिचय:-
नाम: परमहंस शिवनारायण स्वामी
जनम - 1750
जनम स्थान - चन्द्रवार, बलिया, उत्तर प्रदेश
जनम - 1750
जनम स्थान - चन्द्रवार, बलिया, उत्तर प्रदेश
MahantRambachanRam s/oshri devnathram vi-nayakdih, po-soniyapar, Tah-saidpur, dist-ghazipur
जवाब देंहटाएंMahantRambachanRam s/oshri devnathram vi-nayakdih, po-soniyapar, Tah-saidpur, dist-ghazipur
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