शुरू भइल गर्मी के छुट्टी,
मत करिहा पुस्तक से कुट्टी।
सूरज के विकराल रूप से,
बचके रहिहा कड़ा धूप से।
रोज पाठ दुहरावत रहिहा,
खीरा-ककरी खावत रहिहा।
मामा-मौसी के घर जइहा
नाना-नानी से मिल अइहा।
काम समय पर पूरा करिहा,
मैडम के दुलरुआ रहिहा।
एक जुलाई भूल ना जइहा
बन ठन के तू पढ़े अइहा।
बन ठन के तू पढ़े आइहा॥
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मत करिहा पुस्तक से कुट्टी।
सूरज के विकराल रूप से,
बचके रहिहा कड़ा धूप से।
रोज पाठ दुहरावत रहिहा,
खीरा-ककरी खावत रहिहा।
मामा-मौसी के घर जइहा
नाना-नानी से मिल अइहा।
काम समय पर पूरा करिहा,
मैडम के दुलरुआ रहिहा।
एक जुलाई भूल ना जइहा
बन ठन के तू पढ़े अइहा।
बन ठन के तू पढ़े आइहा॥
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लेखक परिचय:-
नाम: श्रीमती निशा राय
पता: रामअवध नगर
पो.-जंगल चौरी,खोराबार
जि.- गोरखपुर,पिन-273010
उत्तरप्रदेश
मो न.: 8542898686
mail-rainisha29.nr@gmail.com
नाम: श्रीमती निशा राय
पता: रामअवध नगर
पो.-जंगल चौरी,खोराबार
जि.- गोरखपुर,पिन-273010
उत्तरप्रदेश
मो न.: 8542898686
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