हम बुरबक बानी - उदयशंकर

सबके चाचा भ‌ईया कहएम
दादा दादी फुआ कहएम
हम बुरबक बानी बुरबक रहेम

लोग कहेला ना जहिय बिहार
ज‌ईब तऽ तु ख‌ईबऽ मार
गोली बंदुक अउर गुंडा राज
काहे से कि बा बुरबक बिहार

लेकिन का करबऽ ए भाई
अर्थशास्त्र बा ईहवए से आईल
राजनीती के बीया बोआइल
विश्व विजेता ईहवए से कहाआईल

सत्याग्रह हऽ ईहवए के देन
धोती, कुर्ता अउर गमछा पेन
क‌इलक बिहारी खुब लड़ाई
तब जाके आजादी आइल

रामायण बा ईहवए लिइखआइल
ज्ञान के गंगा के जड़ बोआईल
एके जेतना करी बड़ाई
कम बांटे ई मानऽ भाई

लिट्टी, चोखा अउर भुजा आचार
पलथी मारी, खाई, निक विचार
मुडी टेका के करी प्रणाम
एक बार आई देखी बिहार

सच कहेनी सुनऽ ऐ भाई
बिहार में बहार बा, ना कहीं भेटाई
मन होखे तऽ एक बार आई
बिहार के समझी, जानी अउर जाई ।
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उदयशंकर











मैना: वर्ष - 11 अंक - 122 (फरवरी-मई 2024)

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