बदली जरूर - केशव मोहन पाण्डेय

उमेद बा कि दुनिया 
बदली जरूर 
देखीं जुग राम के 
रावण के 
कन्हैया के 
चाणक्य-चंद्रगुप्त के 
अशोक के 
उनका भैया के 
का भइल? 
बदलिए नु गइल? 
चाहे रहल केहू केतनो मगरूर 
उमेद बा कि दुनिया 
बदली जरूर।। 
बदली 
त राग बदली 
रंग बदली 
बदलाव अकेले रउरे खातिर ना होई 
सबका संग बदली 
बदली त हवा बदली 
हाल बदली 
केहूके तपस्या बदली 
केहूके बवाल बदली 
माहौलो हो ता रंगीन 
समय नइखे दूर 
उमेद बा कि दुनिया 
बदली जरूर।। 
बदलाव कण कण में होई 
प्रीत में होई 
रण में होई 
लुकारी में होई 
पताका में होई 
सबके संस्कृति-संस्कार 
आ भाखा में होई 
सथवे ईहो विश्वास बा 
कि राउर ऊ बदलाव 
लाठी आ भाला से ना 
आंदोलन, आतंक आ मुँहे ताला से ना 
बीख आ अंगार से ना 
काँट के बखार से ना, 
अइसन होई कि जुग-जुग करी गरूर 
उमेद बा कि दुनिया 
बदली जरूर।। 
बदलाव होई 
त प्यार से होई 
आ जब प्यार से होई 
तब बड़ा रफ़्तार से होई। 
तब रउरो करेब उद्यम 
कि केहू के रोवे के कवनो घड़ी ना रहे 
रउरो पकडेब रफ़्तार 
कि केहू अगड़ी-पिछड़ी ना रहे। 
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लेखक परिचय:-
2002 से एगो साहित्यिक संस्था ‘संवाद’ के संचालन।
अनेक पत्र-पत्रिकन में तीन सौ से अधिका लेख
दर्जनो कहानी, आ अनेके कविता प्रकाशित।
नाटक लेखन आ प्रस्तुति।
भोजपुरी कहानी-संग्रह 'कठकरेज' प्रकाशित।
आकाशवाणी गोरखपुर से कईगो कहानियन के प्रसारण
टेली फिल्म औलाद समेत भोजपुरी फिलिम ‘कब आई डोलिया कहार’ के लेखन
अनेके अलबमन ला हिंदी, भोजपुरी गीत रचना.
साल 2002 से दिल्ली में शिक्षण आ स्वतंत्र लेखन.
संपर्क –
पता- तमकुही रोड, सेवरही, कुशीनगर, उ. प्र.
kmpandey76@gmail.com
मैना: वर्ष - 7 अंक - 118-119 (अप्रैल - सितम्बर 2020)

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