भोर होते लाली लउकल आउर जनाइल आवत लोग
मन शंका होखे लागल कहँवा हफनाइल आवत लोग
माथे पगरी कान्हे गमछी बा केहू के हाथे लाठी बा
बड़ बा छोट बा छोट बा बड़ बा केहू एके काठी बा
धूरी माटी में भोरे से चलल गोड़ के हाल बता देलस
जानल लोग सभे रहे ना, रहे से आपन पता देलस ।
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C/o डॉ नंद किशोर तिवारी
निराला साहित्य मंदिर बिजली शहीद
सासाराम जिला रोहतास ( सासाराम )
बिहार - 221115
मो 0 न 0 7488674912
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