घर में सभे निमन बा त भइया के काहे वन बा
सबके दिल दर्पन बा त भइया के काहे वन बा।
माई तहरा के लोभ ग्रास देलस सब नाश देलस
छाती में गड़ल काँट ना अइसन हुलास देलस।
भाई में भाई के ना तिकलु तूँ के हीरा रतन बा
सबके दिल दर्पन बा त भइया के काहे वन बा।
बड़ के रहते छोटके सिंहासन कुल के रीत ना ह
चान में दाग बतावल सुखद आ सुशोभित ना ह।
जेभी ई घर उजारल बस दुइए गो मन मगन बा
सबके दिल दर्पन बा त भइया के काहे वन बा।
कोंख सराप के कबो कोंख लौटावल जाला का
दूध के छाती अरे अर फार के सटावल जाला का।
केहू के लोर गिरता सकदम में केहू धन लगन बा।
सबके दिल दर्पन बा त भइया के काहे वन बा।
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C/o डॉ नंद किशोर तिवारी
निराला साहित्य मंदिर बिजली शहीद
सासाराम जिला रोहतास ( सासाराम )
बिहार - 221115
मो 0 न 0 7488674912
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