देश के
जियावे खातिर
जरेला जे रात दिन
सँचहूँ में उहे
साधू संत बा फकीरवा।
धरती के
माई जाने
सभका के भाई माने
खूनवा पसेनवा
बहावे सहे पीरावा।
सुरुज के
जोतिया जगावेला
अन्हरिया में
मरे खपे तबहूँ
ना होखेला अधीरवा।
तेकरे बालकवा
गँवावे जान सीमावा प
तड़पे बबुअवा
मेहरिया अधीरवा।
कांटक डगरिया
सजावे वीर पूतवन के
फीका लागे
सभ सोना चानी
मोती हीरावा।
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नाम: सुरेश कांटक
ग्राम-पोस्ट: कांट
भाया: ब्रह्मपुर
जिला: बक्सर
बिहार - ८०२११२
मैना: वर्ष - 7 अंक - 117 (जनवरी - मार्च 2020)
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