जमाना बा बैरी - विद्या शंकर विद्यार्थी

जमाना बा बैरी जीए नाहीं देला
जुदाई के आँसू पीए नाहीं देला।

सांसत में डाल देला दे हलकानी
बिहरल करेजा सीए नाहीं देला।

हुके के कर देला छछने के बेसी
देले अगहूँ बा अभिए नाहीं देला।

बाँचे के परता स्वाँचे के जिनगी
खुसी के अंश बकिए नाहीं देला।

विद्या के कबहूँ लगा के कहेला
गम में ना मुए जीए नाहीं देला।
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लेखक परिचयः
नाम: विद्या शंकर विद्यार्थी
C/o डॉ नंद किशोर तिवारी
निराला साहित्य मंदिर बिजली शहीद
सासाराम जिला रोहतास (सासाराम )
बिहार - 221115
मो. न.: 7488674912

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