आज के दुनिया आपन बा - विद्या शंकर विद्यार्थी

कुदऽ बेंगुची कुदऽ रानी आज के दुनिया आपन बा
ना हमनी में खिंचातानी आज के दुनिया आपन बा।

घोंघा समइलन आरी में तऽ केंकड़ा माटी कोड़ेलन
हमनी के त कटता चानी आज के दुनिया आपन बा।

बरिसे जब घन घोर बदरिया झींगुर घास में ढुकेलन
तुहूँ फानऽ हमहूँ फानी आज के दुनिया आपन बा।

महंगी बा कि सभका के नाच पर नाच नचइले बा
हमनी के ठेहुना भर पानी आज के दुनिया आपन बा।

जहँवा पद डाकदरन के खाली, सुथनी होई दवाई
पन्ना दोसर पलऽटतानी आज के दुनिया आपन बा।

जवन साँढ़ खेत आन के चरल चरला बिन दुबराई
नेतन प का बीती हलकानी आज के दुनिया आपन बा।

कसइली परल जब बीच में छटक के कहँवा जाई
धार आ ओने सरौता जानी आज के दुनिया आपन बा।

बाकि एगो आवाज दिहल हमनी के ई जरूरी बा
ढेर लोग के चुअता पलानी आज के दुनिया आपन बा।

आई अब एलेक्शन लगले उम्मीदवार बने के बाटे
तोहरे वोट से जीततानी आज के दुनिया आपन बा।
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लेखक परिचयः
नाम: विद्या शंकर विद्यार्थी
C/o डॉ नंद किशोर तिवारी
निराला साहित्य मंदिर बिजली शहीद
सासाराम जिला रोहतास (सासाराम )
बिहार - 221115
मो. न.: 7488674912

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