चिरईया - सुभाष पाण्डेय

खोजि ले ले दानापानी नन्हकी चिरईया, ऊ
केहू से ना माँगे कबो हाथ फइलाइ के।

चोरी, बरजोरी, सीनाजोरी, झकझोरी नाहीं,
खुद में मगन जँवजाल बिसराइ के।

अदगोई, बदगोई करे कुचुराई नाहीं,
माने ना रुआब केहू भूप के डेराइ के।

मनई के जाति हईं चिरई त होब नाहीं,
चिरई से सिखते उड़बि नभ धाइ के।
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लेखक परिचय:-
नाम: सुभाष पाण्डेय
ग्राम-पोस्ट - मुसहरी
जिला - गोपालगंज बिहार

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