कईसे खेले जईबु सावन में कजरिया

कईसे खेले जईबु सावन में कजरिया
बदरिया घेरि आइल ननदी।

तू तौ जात हौ अकेली
कौनो संग न सहेली
गुण्डा रोकि लींहें तोहरी डगरिया
बदरिया घेरि आइल ननदी।

भौजी बोलेलू तू बोली
सुनिके लागल हमरा गोली
काहे पड़ल बाड़ू हमरी नगरिया
बदरिया घेरि आइल ननदी।

केतने दामुल फाँसी चढ़िगे
केतने गोली खाके मरिगे
केतने पीसत होइहैं जेल में चकरिया
बदरिया घेरि आइल ननदी।
---------------------------
अज्ञात

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मैना: भोजपुरी साहित्य क उड़ान (Maina Bhojpuri Magazine) Designed by Templateism.com Copyright © 2014

मैना: भोजपुरी लोकसाहित्य Copyright © 2014. Bim के थीम चित्र. Blogger द्वारा संचालित.