ढरके नयनवा के दोना - विद्या शंकर विद्यार्थी

झीर-झीर बरिसे अँगनवा, सवनवा के चोन्हा लागल बलमु
चोन्हा लागल बलमु हो चोन्हा लागल बलमु,
सवनवा के चोन्हा लागल बलमु
ढरके नयनवा के दोना, हो सवनवा...।

चुवे ओरियनिया के पनिया धधाइल
चिइईं के दुनिया बुनिया में नेहाइल
बानीं हम अगनवा के कोना, हो
सवनवा...।

कजरी ना गीतिया अँचरिया से पूछे
काहे तूँ उदास बाड़ु काहे बाड़ु छुँछे
सधवा के लागी किया टोना, हो वनवा...।

सुनऽ पिया हियवा के हुलस ना ओराला
तोहरी ना बतिया हो मन से भोराला
बा सकतात हमार मोन्हा, हो
सवनवा...।
----------------------------

लेखक परिचयः
नाम: विद्या शंकर विद्यार्थी
C/o डॉ नंद किशोर तिवारी
निराला साहित्य मंदिर बिजली शहीद
सासाराम जिला रोहतास (सासाराम )
बिहार - 221115
मो. न.: 7488674912

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मैना: भोजपुरी साहित्य क उड़ान (Maina Bhojpuri Magazine) Designed by Templateism.com Copyright © 2014

मैना: भोजपुरी लोकसाहित्य Copyright © 2014. Bim के थीम चित्र. Blogger द्वारा संचालित.