माटी के पिंजरवा बाटे, मन अगराइल हो
संझिया फजिरवा बाटे, मन अगराइल हो।
कागद के कट जाई जब परवाना
आपन जे आज बाटे होई बेगाना
जाल में जियरवा बाटे, मन अगराइल हो।
ऊँचा सिंहासन प बइठल महाराजा
जाके सलामी ढोके रंक औरी राजा
झूठ में तकदिरवा बाटे, मन अगराइल हो।
कंचन के बंगला में ताला लाग जाई
मकरी बसेर लिहें जाला लाग जाई
सुख से फकिरवा बाटे, मन अगराइल हो।
माटी के पिंजरवा के कवनो ना मोल बा
लोगवा के सोहरत के बाजत बस ढोल बा
सोच में हियरवा बाटे, कुछ ना भेंटाइल हो।
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संझिया फजिरवा बाटे, मन अगराइल हो।
कागद के कट जाई जब परवाना
आपन जे आज बाटे होई बेगाना
जाल में जियरवा बाटे, मन अगराइल हो।
ऊँचा सिंहासन प बइठल महाराजा
जाके सलामी ढोके रंक औरी राजा
झूठ में तकदिरवा बाटे, मन अगराइल हो।
कंचन के बंगला में ताला लाग जाई
मकरी बसेर लिहें जाला लाग जाई
सुख से फकिरवा बाटे, मन अगराइल हो।
माटी के पिंजरवा के कवनो ना मोल बा
लोगवा के सोहरत के बाजत बस ढोल बा
सोच में हियरवा बाटे, कुछ ना भेंटाइल हो।
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नाम: विद्या शंकर विद्यार्थी
C/o डॉ नंद किशोर तिवारी
निराला साहित्य मंदिर बिजली शहीद
सासाराम जिला रोहतास (सासाराम )
बिहार - 221115
मो. न.: 7488674912
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