भोरहीं से आज मेहा
बेतरे' बरखे सखी!
भोरहीं से।
आज ना निकसल मुसाफिर
परेवा गमगीन बा।
हवा ले रह-रह उबासी
नीड़-झीरी झीन बा।
डारि के आधार अब्बर
कुछ कहीं दरखे सखी!
भोरहीं से।
भइँस तऽ पगुरी नधइली,
कतो बाजत बीन बा।
तिन जनी के बात कउँची
ढाक पतई तीन बा।
बुड़े के जे पीर झेलल
ऊ कहाँ हरखे सखी?
भोरहीं से।
तितिकियो ना सुलग पावे
ओद मउसम के असर,
फूँक मारत बिजन हउँकत
धुंधराइल नम नजर।
ताक रहलसि ब्यग्र झबरा
हिय सजल करखे सखी!
भोरहीं से।
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बेतरे' बरखे सखी!
भोरहीं से।
आज ना निकसल मुसाफिर
परेवा गमगीन बा।
हवा ले रह-रह उबासी
नीड़-झीरी झीन बा।
डारि के आधार अब्बर
कुछ कहीं दरखे सखी!
भोरहीं से।
भइँस तऽ पगुरी नधइली,
कतो बाजत बीन बा।
तिन जनी के बात कउँची
ढाक पतई तीन बा।
बुड़े के जे पीर झेलल
ऊ कहाँ हरखे सखी?
भोरहीं से।
तितिकियो ना सुलग पावे
ओद मउसम के असर,
फूँक मारत बिजन हउँकत
धुंधराइल नम नजर।
ताक रहलसि ब्यग्र झबरा
हिय सजल करखे सखी!
भोरहीं से।
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![भोरहीं से - दिनेश पाण्डेय भोरहीं से - दिनेश पाण्डेय, भोजपुरी कविता, Bhojpuri kavita](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhwnjvK-8qrn88HbPtbUmYLfCJ6gd0zwVRFd1G1c-CEfBeFBkhlprzKY_vPzKtMRDkbWxivHsPpWpgMJaa4VAhgyQSraUCA2yobBimNjh4bAwKRfOMq4aRzrXUvNwbmYLcNBqX_MCsS8TU/s200/%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25A8%25E0%25A5%2587%25E0%25A4%25B6+%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25A3%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A1%25E0%25A5%2587%25E0%25A4%25AF.jpg)
नाम: दिनेश पाण्डेय
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रोड नं 2, राजवंशीनगर, पटना - 800023.
मो. न.: 7903923686
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