आइल बा बारखा, लेके जिनगानी राजा जी
धरती के अंचरा में भरी के पानी राजा जी!
सुखल रहे चंवरा, फाटल रहे धरती
बीया बीयारार बीना, खेत रहे परती!
देखि देखि सिसिकत रहे, किसानी राजा जी
आइल बा बारखा लेके, जिनगानी राजा जी!
कइ लीं गंउवे में अब रउरा ठेवा
खेतवा के कइल जाई मिली के सेवा!
अब छोड़ीं कइल पहिले के, नादानी राजा जी
आइल बा बारखा लेके, जिनगानी राजा जी!
हरवा चला के रउवा लेउवा लगाएब
अब पिछवा से हमहूं, बिरवा लगाएब!
हम ना लुकाइब अब घर का, चुहानी राजा जी
आइल बा बारखा लेके, जिनगानी राजा जी!
होईहें डेहरी भरी भरी आनाज
ना बिगऽड़ी आपन कवनो काज!
परिवार संगे काटल जाइ मिली के, चानी राजा जी
आइल बा बारखा लेके, जिनगानी राजा जी!
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धरती के अंचरा में भरी के पानी राजा जी!
सुखल रहे चंवरा, फाटल रहे धरती
बीया बीयारार बीना, खेत रहे परती!
देखि देखि सिसिकत रहे, किसानी राजा जी
आइल बा बारखा लेके, जिनगानी राजा जी!
कइ लीं गंउवे में अब रउरा ठेवा
खेतवा के कइल जाई मिली के सेवा!
अब छोड़ीं कइल पहिले के, नादानी राजा जी
आइल बा बारखा लेके, जिनगानी राजा जी!
हरवा चला के रउवा लेउवा लगाएब
अब पिछवा से हमहूं, बिरवा लगाएब!
हम ना लुकाइब अब घर का, चुहानी राजा जी
आइल बा बारखा लेके, जिनगानी राजा जी!
होईहें डेहरी भरी भरी आनाज
ना बिगऽड़ी आपन कवनो काज!
परिवार संगे काटल जाइ मिली के, चानी राजा जी
आइल बा बारखा लेके, जिनगानी राजा जी!
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