अब के सपनवा में हँसी हमरा जोरे
धाई गोदिया समाई कही माई भोरे भोरे।
खोंतवा उजरी गइल एके बजर पात में
आवता दरदिया अँजोरिया के रात में
छतिया चुराइल बउए लोरवा के जोरे। धाई।
आदरा के खीर पुड़ी दही औरी आम बा
हमरा मतारी के ना लिखल इहो नाम बा
हिया में इयदिया साले आ हिचकोरे। धाई।
लागता कि दूध के कटोरवा बोलावता
बबुआ हमार तबो तिकता ना आवता
कगवा मुँड़ेरवा पर आवे ना अगोरे। धाई।
हाय रे बिहार में छछनत बानी माई
अँचरा में लाल लेके कहाँ हम जाईं
सुख के करेजवा बोखरवा खँखोरे। धाई।
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धाई गोदिया समाई कही माई भोरे भोरे।
खोंतवा उजरी गइल एके बजर पात में
आवता दरदिया अँजोरिया के रात में
छतिया चुराइल बउए लोरवा के जोरे। धाई।
आदरा के खीर पुड़ी दही औरी आम बा
हमरा मतारी के ना लिखल इहो नाम बा
हिया में इयदिया साले आ हिचकोरे। धाई।
लागता कि दूध के कटोरवा बोलावता
बबुआ हमार तबो तिकता ना आवता
कगवा मुँड़ेरवा पर आवे ना अगोरे। धाई।
हाय रे बिहार में छछनत बानी माई
अँचरा में लाल लेके कहाँ हम जाईं
सुख के करेजवा बोखरवा खँखोरे। धाई।
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