कइसे कमाई खाई बड़ी बुरा हाल बा
केकरा खातिर ई आइल नया साल बा।
ओसही जिनिगिया के सपना बा टूटल
जारी बा सँचइया के मुड़िया के कूटल।
धरती बेहाल बा किसान फटेहाल बा
हतेया करत नेतवा त मालोमाल बा।
मेहनत पसेनवा रोवत बाटे भूखल
सगरो अन्हरिया में फूलवा बा सूखल।
रोटिया खोजत बा बबुअवा कबाड़ में
थर-थर काँपेला गरीबवा ए जाड़ में।
रोजी रोजगार बिना भटके नवहिया
घर वा बेगाना भइल सूखि गइल देहिया।
कइसे बुझाता कि आइल नया साल बा
जेने देखीं तेने सभकर बूरा हाल बा।
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केकरा खातिर ई आइल नया साल बा।
ओसही जिनिगिया के सपना बा टूटल
जारी बा सँचइया के मुड़िया के कूटल।
धरती बेहाल बा किसान फटेहाल बा
हतेया करत नेतवा त मालोमाल बा।
मेहनत पसेनवा रोवत बाटे भूखल
सगरो अन्हरिया में फूलवा बा सूखल।
रोटिया खोजत बा बबुअवा कबाड़ में
थर-थर काँपेला गरीबवा ए जाड़ में।
रोजी रोजगार बिना भटके नवहिया
घर वा बेगाना भइल सूखि गइल देहिया।
कइसे बुझाता कि आइल नया साल बा
जेने देखीं तेने सभकर बूरा हाल बा।
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