जरत जीनगी के
भला अंजोर कइसन
पुअरा के आग
जाड़ा के भोर जइसन।
मत अगराईं
दूज के चांद देखिके
गरहन छीनेला पुनवासी के
अंजोर कइसन।
दहकत दिन के दुपहरिया
निमन ना लागे
मनवा साध के बचाइं
कछुआ गमखोर जइसन।
बुद्धि बांटेले कविन्द्र
दोसरा लोगवा के।
आपन बेरिया दशा होला
मतिभोर अइसन।
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भला अंजोर कइसन
पुअरा के आग
जाड़ा के भोर जइसन।
मत अगराईं
दूज के चांद देखिके
गरहन छीनेला पुनवासी के
अंजोर कइसन।
दहकत दिन के दुपहरिया
निमन ना लागे
मनवा साध के बचाइं
कछुआ गमखोर जइसन।
बुद्धि बांटेले कविन्द्र
दोसरा लोगवा के।
आपन बेरिया दशा होला
मतिभोर अइसन।
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