का ए बकुला
कब ले आपन
असली रूप छिपइबऽ
किसिम किसिम के भेख बना के
मछरिन के भरमइबऽ
का ए बकुला!
बड़े दिनन से
दह में आपन
पाँव जमवले बाड़ऽ
राम नाम के चद्दर ओढ़ले
जाम उड़वले बाड़ऽ
कब ले धोखा देबऽ बोलऽ
कब ले भेद ब इबऽ
का ए बकुला!
धरमात्मा के खोल
ओढ़ि के
चलेलऽ धीरे धीरे
पलखत पावते
लीलेलऽ मछरी
गंग जमुन के तीरे
घड़ियाली लोर वा से कब ले
मछरिन के भरमइबऽ
का ए बकुला!
घोंघा, सितुहा, गिन ई, पोठिया
खालऽ, बनेलऽ हंस
मछरिन के
बचवन के हति के
अरे कसाई कंस
मगरमछन से
कब ले बोलऽ
मछरिन के हरवइबऽ
का ए बकुला!
ऊजर बग बग पाँखि
टाँग बा लमहर
लमहर चोंच
जब ले दह में
पाँव जमवलऽ
दीहलऽ सभ के नोच
करम, कुकरम कके कबले
बगुला भगत कहइबऽ
का ए बकुला!
मगरमछन, कछुअन,घड़ियारन
के अँगुरी पर नाचेलऽ
काँपेलऽ
सोंसन से थर थर
ओकरे धन बल बाँचेलऽ
कबले कहर
गिरइबऽ बोलऽ
कब ले नाच नचइबऽ
का ए बकुला!
धनुही संग
निकलिहें लरिका
नियराइल बा घरी
सभ मिलि तोहके
सबक सिखाई
तोहरो टाँग पक अड़ी
फाटी पेट कँहरबऽ काका
टूटी टाँग चिलइबऽ चाचा
आ सुरधामे जइबऽ
का ए बकुला!
------------------------------------------
कब ले आपन
असली रूप छिपइबऽ
किसिम किसिम के भेख बना के
मछरिन के भरमइबऽ
का ए बकुला!
बड़े दिनन से
दह में आपन
पाँव जमवले बाड़ऽ
राम नाम के चद्दर ओढ़ले
जाम उड़वले बाड़ऽ
कब ले धोखा देबऽ बोलऽ
कब ले भेद ब इबऽ
का ए बकुला!
धरमात्मा के खोल
ओढ़ि के
चलेलऽ धीरे धीरे
पलखत पावते
लीलेलऽ मछरी
गंग जमुन के तीरे
घड़ियाली लोर वा से कब ले
मछरिन के भरमइबऽ
का ए बकुला!
घोंघा, सितुहा, गिन ई, पोठिया
खालऽ, बनेलऽ हंस
मछरिन के
बचवन के हति के
अरे कसाई कंस
मगरमछन से
कब ले बोलऽ
मछरिन के हरवइबऽ
का ए बकुला!
ऊजर बग बग पाँखि
टाँग बा लमहर
लमहर चोंच
जब ले दह में
पाँव जमवलऽ
दीहलऽ सभ के नोच
करम, कुकरम कके कबले
बगुला भगत कहइबऽ
का ए बकुला!
मगरमछन, कछुअन,घड़ियारन
के अँगुरी पर नाचेलऽ
काँपेलऽ
सोंसन से थर थर
ओकरे धन बल बाँचेलऽ
कबले कहर
गिरइबऽ बोलऽ
कब ले नाच नचइबऽ
का ए बकुला!
धनुही संग
निकलिहें लरिका
नियराइल बा घरी
सभ मिलि तोहके
सबक सिखाई
तोहरो टाँग पक अड़ी
फाटी पेट कँहरबऽ काका
टूटी टाँग चिलइबऽ चाचा
आ सुरधामे जइबऽ
का ए बकुला!
------------------------------------------
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें