आइ हो दादा - मिर्जा खोंच

बाटे किसमत में होल, आइ हो दादा
बेटवा निकलल बकलोल, आइ हो दादा।

हो जाई गेना बैक, उ का जानत रहले
अपने में होखी गोल, आइ हो दादा।

किनते किनते में जे एगो सरका लेलीं
उ अंडा निकलल , घोल आइ हो दादा।

हम परवल (पटर) के लत्ती रोपले रहनी जहवां
उहवें निकलल तिरकोल, आइ हो दादा।

सासन के कुरसी हिलते जाता बबुआ हो
खुलते जाता अब पोल, आइ हो दादा।

आज के बेटवा बाप से पहिले अपना के
बतलावेला बे मोल, आइ हो दादा।

हम प्यार के उनका कुकुर से का कटवइनी
बाजत बा ओकर ढोल, आइ हो दादा।

बन्दुक बिकाइल बाबा के , घर में बाकिर
सोभेला अब ले खोल, आइ हो दादा।

सभ लोग सराहे गीत ग़ज़ल मिर्जा जी
पत्नी के लउके झोल आइ हो दादा।
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मिर्जा खोंच
साभार: भोजपुरी जिनगी

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