मरजीवा - दिनेश पाण्डेय

एगो गाँव।
पुरना नीम के ठूँठ,
कँटइली झूँटी,
तकरो ओपार।
रखि ल कवनों नाँव।

ओजा सँझवत के बेरा में,
ओरी के नीचे आ धूँआ के घेरा में
चूल्हा जरा के
बइठलि बहुरिया हव
घूघा गिरा के।
बेरि-बेरि मँइसे से अँखिया पिराला।
खाटी प पीट-पीट
रोवे नन्दलाला।

बइठल मँचोली प
ओसरी में बूढ़ऊ
जाँगर बिटियवा के ब्याहे के फिकिर में
जिनिगी जरावत बा,
काल के हरावत बा।
चिलिम प धूँटघूँट,
कँउची त पीअता।
कइसे त जीअता।
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दिनेश पाण्डेय


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