पियवा वियोगे - जयशंकर प्रसाद द्विवेदी

मनवा के चैन बिलाइल हो रामा
पियवा वियोगे।

जब से गइलें पियवा विदेशवा
भेजें नाही कवनो सनेसवा
अँखिया लोरात झुराइल हो रामा
पियवा वियोगे।

सास ससुर देवर देवरानी
बिहँसे संगही क़हिके कहानी
बिरहे बीपत घहराइल हो रामा
पियवा वियोगे।

छोटी ननदी के बीख बोलिया
लगत करेजवा जइसे गोलिया
नेहिया क सोत निझाइल हो रामा
पियवा वियोगे।

-----------------------------------
लेखक परिचय:-
नाम: जयशंकर प्रसाद द्विवेदी
संपादक: (भोजपुरी साहित्य सरिता)
इंजीनियरिंग स्नातक;
व्यवसाय: कम्पुटर सर्विस सेवा
सी -39 , सेक्टर – 3;
चिरंजीव विहार , गाजियाबाद (उ. प्र.)
फोन : 9999614657
ईमेल: dwivedijp@outlook.com
फ़ेसबुक: https://www.facebook.com/jp.dwivedi.5
ब्लॉग: http://dwivedijaishankar.blogspot.in


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मैना: भोजपुरी साहित्य क उड़ान (Maina Bhojpuri Magazine) Designed by Templateism.com Copyright © 2014

मैना: भोजपुरी लोकसाहित्य Copyright © 2014. Bim के थीम चित्र. Blogger द्वारा संचालित.