माई बहिन के दीया बाती
बर रहल बा देश के खाती।
एह हुलस से सिखऽ कुछ
मत अपत तूँ लिखऽ कुछ।
बिनल नात फाँकल जइबऽ
कहवाँ जाके गाल बजइबऽ।
शेर बडुए़ आ फेर झकझोरी
पढ़के कलमा फेंकिहऽ तोरी।
पोसऽ आतंकवादी के पोसऽ
ना बुझलऽ अबो अफसोसऽ।
घीव के दीया जरे कतार में
शक्ति आइल बा औजार में।
ललसा बोले माई बहिन के
आवऽ लड़ ल जंग जमीन के।
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बर रहल बा देश के खाती।
एह हुलस से सिखऽ कुछ
मत अपत तूँ लिखऽ कुछ।
बिनल नात फाँकल जइबऽ
कहवाँ जाके गाल बजइबऽ।
शेर बडुए़ आ फेर झकझोरी
पढ़के कलमा फेंकिहऽ तोरी।
पोसऽ आतंकवादी के पोसऽ
ना बुझलऽ अबो अफसोसऽ।
घीव के दीया जरे कतार में
शक्ति आइल बा औजार में।
ललसा बोले माई बहिन के
आवऽ लड़ ल जंग जमीन के।
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