अँगऊ - अक्षयवर दीक्षित

माई ! तोरा आँचर तर हम सब सुख पवनी, जनम संवरनी
कईसन कईसन खेल खेलि के तोरा के सचहूँ अगरवनी।

जहाँ कबो हम अलगा जाईं तोरा खातिर उ दुखदाई
प्यार भरल उ अमरित दे तें चाहे केतनो उधम मचवनी।

अब हम जन-सेवा अपनाईं तोरा दूध के लाज बचाईं
साँचो सज्जन के गुन गाईं, अब ले केतना समय गँववनी।

देश-राष्ट्र खातिर ई देहिया अमर शहीदन से नित नेहिया
इहे तें आसीस सदा दे, केतना लोगन के भरमवनी।

गुरु-पुरोहित के रे माई ! तें अँगऊ दिहले हरसाई
तोरे सिखवन करत करत हम संतोषे में सुख अपनवनी।
---------------------------------------------------
अँगऊ - अक्षयवर दीक्षित
अक्षयवर दीक्षित

1 टिप्पणी:

  1. अति सुंदर भोजपुरी कविता नमन है भोजपुरी फिल्म कवि की शत शत नमन

    जवाब देंहटाएं

मैना: भोजपुरी साहित्य क उड़ान (Maina Bhojpuri Magazine) Designed by Templateism.com Copyright © 2014

मैना: भोजपुरी लोकसाहित्य Copyright © 2014. Bim के थीम चित्र. Blogger द्वारा संचालित.