इयाजी के गाँव में, माई के इयाद आवेला
माई के अभाव में, माई के इयाद आवेला॥
इया कहेली माइए दाखिल नू बानी हम
टभकल घाव में, माई के इयाद आवेला॥
असके बोल देला जब कातर उरेब केहू
लोर के बहाव में, माई के इयाद आवेला॥
कमी बेसी के लेके ठोनहच देला त केहू
हृदय के लगाव, में माई के इयाद आवेला॥
भोरे से साँझे कच कच लसरियाला विद्या
ओर के बिनाव में, माई के इयाद आवेला॥
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माई के अभाव में, माई के इयाद आवेला॥
इया कहेली माइए दाखिल नू बानी हम
टभकल घाव में, माई के इयाद आवेला॥
असके बोल देला जब कातर उरेब केहू
लोर के बहाव में, माई के इयाद आवेला॥
कमी बेसी के लेके ठोनहच देला त केहू
हृदय के लगाव, में माई के इयाद आवेला॥
भोरे से साँझे कच कच लसरियाला विद्या
ओर के बिनाव में, माई के इयाद आवेला॥
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