ए हवा तू देअईतऽ ई संदेश प्रीतम के,
भाड़ा तोहरा ना लागे आवे आउर जाए के,
उनका से कह देते होली में आवे के।
बाट उनकर जोहे नी बिरहा में जर जरके,
ए हवा तू देअईतऽ ई संदेश प्रीतम के।
सेजीआ अब काटे धउरे निनिओ ना लागे,
बड़ा जबुर लागेला जब बबुआ रोए लागे।
सब काम करेनी हम अकेले मर मर के,
ए हवा तू देअईतऽ ई संदेश प्रीतम के।
कईसे हम रही सभे से मिल जुल के,
नन्दी तार बना देतिआ छोटहनो बातवा के,
ए हवा तू देअईतऽ ई संदेश प्रीतम के।
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भाड़ा तोहरा ना लागे आवे आउर जाए के,
उनका से कह देते होली में आवे के।
बाट उनकर जोहे नी बिरहा में जर जरके,
ए हवा तू देअईतऽ ई संदेश प्रीतम के।
सेजीआ अब काटे धउरे निनिओ ना लागे,
बड़ा जबुर लागेला जब बबुआ रोए लागे।
सब काम करेनी हम अकेले मर मर के,
ए हवा तू देअईतऽ ई संदेश प्रीतम के।
कईसे हम रही सभे से मिल जुल के,
नन्दी तार बना देतिआ छोटहनो बातवा के,
ए हवा तू देअईतऽ ई संदेश प्रीतम के।
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लेखक परिचय:-
नाम-दिलीप कुमार पाण्डेय
बेवसाय: विज्ञान शिक्षक
पता: सैखोवाघाट, तिनसुकिया, असम
मूल निवासी -अगौथर, मढौडा ,सारण।
मो नं: 9707096238
नाम-दिलीप कुमार पाण्डेय
बेवसाय: विज्ञान शिक्षक
पता: सैखोवाघाट, तिनसुकिया, असम
मूल निवासी -अगौथर, मढौडा ,सारण।
मो नं: 9707096238
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