खबरी - दिलीप कुमार पाण्डेय

खर खबरी तऽ खबरे नु लिही
लिखी ऊहे जवन लोगवा दिही।

गुरूजी के कईसन बाटे हाल
फगुआ के अब ठोकाता नु ताल।

नईखी ऊहाँ का तऽ चल गईनी
कमे उमर में स्वर्गवासी भईनी।

ई समाचार रहे बारा मनहूस
छापिओके हम ना होईती खुश।

सोचनी हम मन में ईहे बा रीति
एंगऽ जाएआला पावे सदगति।

फफक फफक रोअनी जाए का बेरा
चारो ओर रहे चहेता लोग के घेरा।

ई सुन दिमाग के नस झनझनाईल
गुरुजी के गईल समझ में आईल।

सेवा पूरा भईला के रहे ऊ बिदाई
हम तऽ कुछ आऊर बुझनी हऽ भाई।

बनल रहीं ऊहां का सय बरिस जिहीं
खर खबरी तऽ हरदम खबरे नु लिही।
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लेखक परिचय:-
नाम-दिलीप कुमार पाण्डेय
बेवसाय: विज्ञान शिक्षक
पता: सैखोवाघाट, तिनसुकिया, असम
मूल निवासी -अगौथर, मढौडा ,सारण।
मो नं: 9707096238

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