बोले कोइलरिया - हरिद्वार प्रसाद ‘किसलय’

दुअरा पऽ शोभे फुलवरिया हो रामा, बोले कोइलरिया।

फूल के गमकवा से मातल कियरिया
शीतल सुगन्ध लई बहके बेयरिया
भँवरा खेलत बा घूमरिया होप रामा, बोले कोइलरिया।

मह-मह महकेली मातल महुइया
पात-पात चमकेली ढरकि मधुइया
आम के महँके मोजरिया हो रामा, बोले कोइलरिया।

सेमर परास झूमे धनि-धनि बगिया
अबीर गुलालवा के आवे अब रगिया
किसलय पऽ नाचेली अँजोरिया हो रामा, बोले कोइलरिया।
-------------------------------

लेखक परिचय:-

हरिद्वार प्रसाद ‘किसलय’
ग्राम – पो – राजपुर, बाया – दलीलपुर, 
जिला – भोजपुर बिहार
अंक - 76 (19 अप्रैल 2016)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मैना: भोजपुरी साहित्य क उड़ान (Maina Bhojpuri Magazine) Designed by Templateism.com Copyright © 2014

मैना: भोजपुरी लोकसाहित्य Copyright © 2014. Bim के थीम चित्र. Blogger द्वारा संचालित.