ना एने के ना ओने के - डॉ. हरेश्वर राय
अपने ही देशवा में भइनी बिदेशिया रे जाके कहाँ जिनिगी बिताईं ए संघतिया। खेत खरिहान छूटल, बाबा के दलान छूटल दिल के दरद का बताईं ए संघतिया। ...
अपने ही देशवा में भइनी बिदेशिया रे जाके कहाँ जिनिगी बिताईं ए संघतिया। खेत खरिहान छूटल, बाबा के दलान छूटल दिल के दरद का बताईं ए संघतिया। ...