साँवरी सुरतिया नाके नथिया - रामप्रसाद साह

साँवरी सुरतिया नाके नथिया
सजधज भईल बा सिंगार
तुलसी बाबा बाढ़ पउड़ी गईले
राम लगवले बेड़ा पार।
                                                    अब नथिया देखीं जा।

सूरत मूरत मन बसल मोर
बिन्दिया भईल टहकार
करे दलाली आपन पिया से
छुप छुप मधुरस लोकाचार।
                                                                अब बिन्दिया देखीं जा।

पाँव में नूपुर पायल बाजे
डर भय नइखे मानत प्यार
जब जब सरवन कान में आवे
पहुँची भवसागर के पार।
                                                        अब नूपुर देखीं जा।

पवन जवन नथुनी में लागे
मलय पवन के हउवे बहार
केतना लोग उधिया गईले
उपर वाला हउअन रखवार।
                                                            अब नथुनी देखीं जा।

'राम' मड़इया गह गह बाटे
तोहरे चरनन बा मददगार
अब कुछ ना चाहीं हमरा
तोहरे जलवा पर गुलजार।
                                                            अब मड़इया देखीं जा।
--------------------
कलैया, नेपाल।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मैना: भोजपुरी साहित्य क उड़ान (Maina Bhojpuri Magazine) Designed by Templateism.com Copyright © 2014

मैना: भोजपुरी लोकसाहित्य Copyright © 2014. Bim के थीम चित्र. Blogger द्वारा संचालित.