गाँव के मेहरारू के खुलासा आ मंथरा देने संकेत - विद्या शंकर विद्यार्थी

जौन बिलाय तिअन चिखलस दूध जुठरलस अलग 
तौने बिख बोअले बिया आ भाइन के कइलस अलग। 

परथन लागल ना आटा ओकर आटा कइलस गील 
जे ना खाइल अध पाकल रोटी सेहू गइल ऊ लील।

सब दिन रहल टाटी के आड़ अबो लुकाइल टाटी 
सह मिलल दूजा के ना ओकरा माई के बस खाटी। 

आन के दरद से का वास्ता जहाँ दाल गलत बाटे 
घर फोरनी के घर फोरे से सुधरल कबो लत बाटे। 

जेकर बिलाई ओकर बिलाई ओकर बनल चानी बा 
घर फोरलस घर फोरनी ढुक घर घर के कहानी बा। 

ना मिलल जहिया खाए के तहिया ना चैन आवेला 
कंठ में गड़े आखर रोटी मिसिरी आ लैन सतावेला। 
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लेखक परिचयः
C/o डॉ नंद किशोर तिवारी
निराला साहित्य मंदिर बिजली शहीद
सासाराम जिला रोहतास ( सासाराम )
बिहार - 221115
मो 0 न 0 7488674912

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