मन में नेह-छोह रहे दी! - नूरैन अंसारी

अपना भाषा, अपना माटी के हिरोह रहे दी!
केतनो बदलीं बाकिर मन में नेह-छोह रहे दी!

खूब लड़ी रवुआ, धरम के नाम पे लड़ाई,
बाकिर मनवता के प्रति तनी मोह रहे दी!

शहर में आके मत बदली घर के संस्कार के,
सास के सास आ पतोह के पतोह रहे दी!

बेटहा बन के मत उजाड़ी बेटिहा के पलानी,
गरीब आदमी के हाथ में भी, नोह रहे दी!

"नूरैन" मत डरीं तनको भी भुईया-भूपाल से,
गलत गलत ह ,मन में सदा बिद्रोह रहे दीं! 
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लेखक परिचय:-
नोएडा स्थित सॉफ्टवेयर कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर
मूल निवास :ग्राम: नवका सेमरा
पोस्ट: सेमरा बाजार
जिला : गोपालगंज (बिहार)
सम्पर्क नम्बर: 9911176564

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