संपादकीय: मैना: वर्ष - 7 अंक - 117 (जनवरी - मार्च 2020)


कोरोना वायरस, मानवता अउरी शक्ति के लोभ 

कहावत बा कि जब आदिमी दोसरा खाती गड़हा खोनेला तऽ ओह गड़हा में ओकरो गिरे के संभावना लगातार बनल रहेला। ई कँटइला तार पऽ चलला नियर होला। आदिमी चाहे, ना चाहे बाकिर गोड़ में घाव होखबे करी। कोरोना वायरस से पीड़ित दुनिया के हाल ओह आदिमी जइसन हो गइल बा जे अपने बिछावल काँट से घाही हो गइल होखे। आज कोरोना वायरस से पीड़ित दुनिया एही त्रासदी से गुजर रहल बे। वुहान शहर शुरू भइल ई कहानी आज दुनिया के 130 देशन ले फइल गइल बा। 

अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के एगो हिस्सा आज मजबूती से ई दावा करत बा कि ई वायरस बॉयोकेमिकल प्रयोगशाला में बॉयोकेमिकल हथियार के रूप में पैदा कइल गइल बा। कुछ एके चीन के पैदा कइल मानत बाड़े तऽ कुछ एके इटली के तऽ कुछ अमेरीका के पैदा कइल। संभावना जतावल जाता कि जब एह वायरस के खोज के प्रक्रिया प्रयोगशाला में चलत रहल हऽ ओही घरी वुहान में केवनो वैज्ञानिक एह वायरस से संक्रमति हो गइल जेवन प्रयोगशाला के सुरक्षित माहौल से निकसि के धीरे-धीरे सगरी दुनिया में फइल गइल अउरी जब तक एह संक्रमण के भारी रुप के दिसाईं चीनी अधिकारिन के अंदाजा लागल, तबले बहुत देर हो गइल रहल। 

अइसन ना रहल कि एह वायरस के फइलला के देसाईं केवनो सूचना चीनी अधिकारिन के ना रहल। खबर बा कि चीन के एगो हॉस्पिटल में काम करे वाला डॉ ली वेनलियांग एह वायरस के फइलले के संबन्ध में चीनी अधिकारिन के पहिलहीं सूचना दे देले रहलन बाकिर चीनी अधिकारी उल्टा उनकरे पऽ कारवाई करे के धमकी देबे शुरू कऽ देले रहलें। सूचना के हिसाब से कुछ दिन पहिले डॉ ली के कोरोना वायरस के संक्रमण के कारन मरन हो चुकल बा। 

चीन सहित दुनिया के लगभग 130 देशन में आज ले कोरोना वायरस से कई हजार लोगन के मउत बा तऽ लाखन लोग एह वायरस से संक्रमित हो चुकल बा। विश्व स्वास्थ्य संगठन कोरोना वायरस जनित संक्रमण से वैश्विक महामारी घोषित कऽ देले बा अउरी एह बेरा ले ना तऽ चीन भा केवनो देश अउरी ना वर्ल्ड हेक्थ आर्गेनाजेशन के लगे एह वायरस के फइलाव रोके के केवनो तरीका भा दवा के खोज पावे में सक्षम बा। 

मीडिया रिपोर्टन के हिसाब से डॉक्टरन के ई अंदाजा बा कि ई वायरस सगरी हुबेई प्रांत में फइल सकेला। एही कारन चीनी अधिकारी हुबेई में रहे वाला लोगन के हुबेई से बाहर ना जाए के आदेश देले बाड़े ताकि हुबेई के बहरी ई वायरस ना फइल सके। अकेले हुबेई प्रान्त के आबादी आज लगभग 5.8 करोड़ बा। सगरी दुनिया में स्कूल, कॉलेज अउरी बहुत तरह से काम-काज पऽ सरकार रोक लगा देले बाड़ी सऽ। पुरा आर्थिक गतिविधि बेपटरी हो गइल बा। दुनिया भर के शेयर बाजार में अनदेखा गिरावट हो रहल बा। अकेले भारत में लगभग आधा देश बंद कऽ दिहल गइल बा अउरी बा कि कोरोना वायरस के कारन भारत के जीडीपी में लगभग 120 बेसिस अंक के गिरावट खाली कोरोना के कारन हो सकेला। 

खबर इहो आवत बा कि चीनी सरकार कोर्ट में संक्रमित मरीजन के मारे के अनुमति खाती अरजी लगवले बे। जदि ई खबर सांच बा तऽ सगरी मानवता खाती एकरा ले बड़ दुर्जोग का हो सकेला कि आज मानव अपना के बचावे खाती अपने लोगन के मारे पऽ मजबूर हो गइल बा अउरी ई सभ ओकरी शक्ति बटोरे के महत्त्वाकाँक्षा के कारन भइल बा। 

ई साँच बहुत कम देश सकारीहन सऽ बाकिर ई एगो गंदा साँच बा कि दुनिया के लगभग हर बड़ देश बॉयोकेमिकल हथियार बनावे के काम में लागल बा। चाहें भले ई काम लुका-छिपा के होखत बा बाकिर एकर जानकारी सभ देशन के बा। आज दुनिया के लगे केवनो प्रभावी बेवस्था नइखे जेवन एह हथियार के खोज अउरी भंडारण पऽ रोक लगा सके अउरी जेवन कुछ थोरी बहुत बेवस्था बा ऊ बरिआर देशन के हाथ के कठपुतली बा। एह काम में लागल हर देश ई बात जानत बा कि बॉयोकेमिकल हथियार दुनिया के विनाश के कारन बन सकेला। 

कोरोना वायरस के कारन दुनिया के एह हालत के देखत का आज ई जरूरी नइखे हो गइल कि हमनी के खुद से ई सवाल करीं जा कि हमनी के जेवन शक्ति अर्जित करे खाती एतना जतन करत बानी जा ऊ हमनी के आखिर केवना मोल पऽ मिलत बा? का शक्ति अर्जित करे के एह कम्पटीशन में नैतिकता अउरी दुनिया खाती हर आदिमी के जिम्मेवारी के सिद्धांत के केवनो महता नइखे रहि गइल? का युद्ध अउरी एक दूसरा के प्रति घृणा के भाव एतना बरियार हो गइल बा कि हमनी अपने अस्तित्व के ले के लापरवाह हो ग इल बानी जा? का सुख के साथ लोग एक दूसरा के संगे ना रहि सकेला?


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