गाँवे चलीं जा - विद्या शंकर विद्यार्थी

गाँवे चलीं जा गाँवे चलीं जा
चरे हरियरी गाँवे चलीं जा
रहल ना चुप फागुन में जाला,
हँसे चलीं जा हँसावे चलीं जा,
चरे हरियरी गाँवे चलीं जा॥

टूसा टुसाइल बा ढेंढ़ी बा लागल
फुलन पऽ तितिली के डेढ़ी बा लागल
आवता हवा आ हिलावता हवा
अँचरा से गमछा मिलावता हवा
हँसी में कनखी ठिठोली में कनखी
बात बात में कनखी मुलकात बात में कनखी
पोसत बिया अँखिया चोन्हा बात में कनखी
चना पर कनखी मटर पर कनखी
तीसी बिया कि मारत बिया कनखी
सरसो फुलाइल आ बधार पिअराइल
खेसारी के साग भात प नेवता दिआइल
पटे चलीं जा पटावे चलीं जा,
गाँवे चलीं जा गाँवे चलीं जा
चरे हरियरी गाँवे चलीं ...॥

अहरा के पानी आ पोखरा के पानी
आदमी के पानी आ आँखी के पानी
गइल पानी त रहल नाहीं पानी
पानी के पानी ह पानी निशानी
गेहूम के पटवन आ पटवन के पानी
लइकन के पानी आ बूढ़वन के पानी
ऊखी के सरबत पिआवे चलीं जा
गाँवे चलीं जा गाँवे चलीं जा
चरे हरियरी गाँवे चलीं जा ...॥

दलानी के पानी खरिहानी के पानी
चुरा के पानी आ चबेनी के पानी
अँगना के पानी आ चुहानी के पानी
गगरी के पानी आ पगरी के पानी
जुरला के पानी ना जुरला के पानी
लूर के पानी आ सहूर के पानी
बचावे चलीं जा बचावे चलीं जा
गादा के दाल भात बचावे चलीं जा
गाँवे चलीं जा गाँवे चलीं जा
चरे हरियरी गाँवे चलीं जा....॥

खइनी बाटे बाकि मांगता चुना
किनब चुनौटी छोड़ब जब पूना
सस्ती के चूना आ महंगी के चूना
शहर के तऽ चाहीं चुनौटी नमूना
लइका के चाह ह चाहीं खिलौना
खटिया के मजा ह लेवा बिछौना
बाबू के लेवा आ माई के लेवा
कहत का बाटे सोचीं तीन खेवा
घामा में फेंकल बा फेंकल सोन्हाता
महकल ना जाता एतना गन्हाता
मजबूरी के लेवा के कथा कहानी
जाड़ा में पलाला ओढ़े सेही जानी
पुअरा के गरमी पाके गरमाला
रेह के माटी से बने त फिंचाला
माटी के बोरसी बोरसी के आलु
धिपल खप्पड़ी खप्पड़ी के बालू
भुंजल चबेनी के तिकत बा डाली
भेली बा गुर के बोलावत बा हाली
पसर भर डालीं भा मुट्ठी भर डालीं
हाली हाली ना धीरे धीरे पगुरा लीं
आदर के खटिया आदर के तकिया
लुगा के तकिया आ पेवन के तकिया
नेह के तकिया आ छोह के तकिया
साली के भेजल ससुरारी के तकिया
बाधी के खाटी में बाधी के ओरचन
शहर छोड़ीं जा अब शहर के लोचन
फाटल बेवाय के ततावे चलीं जा,
गाँवे चलीं जा गाँवे चलीं जा
चरे हरियरी गाँवे चलीं जा ....॥

गाँवे के माटी आ माटी के फगुआ
गाँवे के भउजी आ गाँवे के लगुआ
चलेला इशारा तऽ नाचेला बुढ़वा
फेंकते धूर मातर कुलांचेला बुढ़वा
गदहा के पोछीं में कनस्तर बन्हाला
भागेला गदहा त कनस्तर ढनढनाला
चलेला मसखरी आ चलेला गारी
लागेला सवदगर जइसे तरकारी
गाला के मोजर राति खाँ चोरा के
समत में डलाला इयार के भोरा के
फूँके अश्लील गीतन के होलरी
होरी ह होरी आ होरी ह होलरी
खदेरन के होलरी बसावन के होलरी
पियारी के होलरी बरियारी के होलरी
चतुर के होलरी होशियारी के होलरी
चोन्हर के होलरी बकचोन्हर के होलरी
फगुआ के सुमिरन उठावे चलीं जा
गाँवे चलीं जा गाँवे चलीं जा
चरे हरियरी गाँवे चलीं जा ...॥

बधारी में घूमे आ कियारी में हेले
आनो के खेत में इयारी में हेले
खेसारी के टूसा प लहसुन के माजा
लतर के तुरल ढेंढ़ी ताजा ताजा
रूसा रूसी से बेशी हाहा हीही
गुदगुदावे भला केहू कइसे ना दिही
फरहर होई से खेसारी में दउरी
छुटा साँढ़ नियन बधारी में दउरी
रंग में दउरी आ रंगदारी में दउरी
सरसो के खेत में कियारी में दउरी
इयारी में जुटी आ इयारी में कूटी
लंगी जब मराई त इयारी में उठी
फगुआ में गुली सुँघावे चलीं जा
गाँवे चलीं जा गाँवे चलीं जा
चरे हरियरी गाँवे चलीं जा ...॥
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लेखक परिचयः
नाम: विद्या शंकर विद्यार्थी
C/o डॉ नंद किशोर तिवारी
निराला साहित्य मंदिर बिजली शहीद
सासाराम जिला रोहतास (सासाराम )
बिहार - 221115
मो. न.: 7488674912

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