आपन बड़ाई हर घरी, हरदम बड़का बोल
तब जाके ए दुनिया में लागी तोहर मोल।
रातो दिन पढ़ते रहल, बाकिर भइल ना पास
भइल पैरवी तब जाके, जागल ओकर भाग।
लुट के इहवाँ छुट बा, लूट सके त लूट
तब जाके भगवन के, मार तनी सैलूट।
खोंच मियां ऊ मर गइल, मांगे जे सरमाय
ओकर जीवन सफल भइल, जे मांग मांग के खाय।
माई के पहिले सास के, रोजे करीं सलाम
उनका बेटी के चलते भइनी हम त गुलाम।
भाई के धन मार, जे केहू भी खाई
खोंच मियां के दावा बा, सीधे सरग उ जाई।
---------------------------------
तब जाके ए दुनिया में लागी तोहर मोल।
रातो दिन पढ़ते रहल, बाकिर भइल ना पास
भइल पैरवी तब जाके, जागल ओकर भाग।
लुट के इहवाँ छुट बा, लूट सके त लूट
तब जाके भगवन के, मार तनी सैलूट।
खोंच मियां ऊ मर गइल, मांगे जे सरमाय
ओकर जीवन सफल भइल, जे मांग मांग के खाय।
माई के पहिले सास के, रोजे करीं सलाम
उनका बेटी के चलते भइनी हम त गुलाम।
भाई के धन मार, जे केहू भी खाई
खोंच मियां के दावा बा, सीधे सरग उ जाई।
---------------------------------
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें